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बॉर्डर इलेक्ट्रॉनिक डॉमिनेटेड क्यूआरटी इंटरसेप्शन टेक्निक

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को असम के धुबरी जिले में 61 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर उन्नत इलेक्ट्रॉनिक निगरानी व्यवस्था का अनावरण किया. 
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इससे सीमा पार से अपराध पर नियंत्रण करने और बीएसएफ कर्मियों को चौबीसों घंटे गश्त से राहत देने में सहयोग मिलेगा.
व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (सीआईबीएमएस) के तहत नई परियोजना में नदी किनारे जिन क्षेत्रों में बाड़ नहीं लगी हैं वहां सेंसर के माध्यम से निगरानी होगी जिससे अर्द्धसैनिक बल के जवान घुसपैठियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई कर सकेंगे.
परियोजना का उद्घाटन करने के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘बीओएलडी-क्यूआईटी (बॉर्डर इलेक्ट्रॉनिक डॉमिनेटेड क्यूआरटी इंटरसेप्शन टेक्निक) परियोजना के तहत धुबरी में पूरा ब्रह्मपुत्र नदी कवर होगा. इसमें माइक्रोवेब संचार, ओएफसी केबल, दिन-रात निगरानी वाले कैमरे और घुसपैठ का पता लगाने वाली व्यवस्था शामिल है.’’
ये आधुनिक उपकरण सीमा के पास बीएसएफ के नियंत्रण कक्ष को फीड मुहैया कराते हैं और अर्द्धसैनिक बल की त्वरित प्रतिक्रिया टीम किसी भी अवैध सीमा घुसपैठ और अपराधों की आशंका को टाल देती है. उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) बांग्लादेश के साथ लगती 4096 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करती है .
उन्होंने कहा, ‘‘जिन स्थानों पर भौगोलिक बाध्यताओं के कारण बाड़ लगाना संभव नहीं है वहां बीओएलडी-क्यूआईटी प्रभावी साबित होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस परियोजना के लागू होने से बीएसएफ को न केवल सीमा पार से होने वाले अपराधों पर कार्रवाई करने में मदद मिलेगी बल्कि जवानों को चौबीसों घंटे गश्त से राहत मिलेगी’’ धुबरी जिले में ब्रह्मपुत्र नदी बांग्लादेश की सीमा में प्रवेश करती है जहां भारत के साथ बांग्लादेश की सीमा 61 किलोमीटर लंबी है.
यहां बालू के बड़े-बड़े टीले हैं और कई नदियों की उपधाराएं हैं जिससे बीएसएफ के लिए, खासतौर पर बारिश के मौसम में निगरानी कार्य कठिन हो जाता है. पश्चिम बंगाल में सीमा परियोजना के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘वहां की राज्य सरकार ने एक वर्ष पहले हमें आश्वासन दिया था कि वह जमीन का अधिग्रहण करेगी. लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हुआ है और काम में विलंब हो गया है.’’
राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान सीमा पर पिछले वर्ष सितम्बर में दो स्मार्ट बाड़बंदी पायलट परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया, जो पांच-पांच किलोमीटर लंबा है. यह पूछने पर कि क्या यह सुविधा पूरी भारत-बांग्लादेश सीमा पर लागू होगी तो राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘इसमें समय लगेगा लेकिन भारत-बांग्लादेश की सीमा के साथ ही जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास बीओएलडी-क्यूआईटी प्रणाली अपनाई जानी चाहिए’’
बॉर्डर इलेक्ट्रॉनिक डॉमिनेटेड क्यूआरटी इंटरसेप्शन टेक्निक बॉर्डर इलेक्ट्रॉनिक डॉमिनेटेड क्यूआरटी इंटरसेप्शन टेक्निक Reviewed by RAVISH DUTTA on March 05, 2019 Rating: 5

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