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| क्या तँत्र मन्त्र जैसा कुछ नहीं होता |
वर्तमान आधुनिक युग में बहुत से व्यक्ति यह कहते मिलते हैं कि तँत्र मन्त्र जैसा कुछ नहीं होता । किँतु जो ईश्वर , धर्म और वेदों को मानते हैं , वो इस पूर्णतया स्वीकार भी करते हैं कि तँत्र होता भी है और प्रभावशाली भी होता है । अथर्ववेद में तो पूरा तँत्र ही वर्णित है। मेरा तो जीवन ही चमत्कारों और इन अनुभवों में बीतता रहा है । प्रस्तुत लेख में कुछ ऐसे लक्षणों को निरूपित किया है जिसके द्वारा कोई भी व्यक्ति इस विषय को जान सकता है कि वो किसी तँत्र या ऊपरी हवा से पीड़ित तो नहीं है । यह भी आवश्यक नहीं कि किसी ने आप पर कोई तांत्रिक क्रिया ही करा दी हो अथवा कोई ऊपरी हवा ही लगी हो , यह भी हो सकता है की किसी ने अपना उतारा कर किसी चौराहे पर कुछ रख दिया हो या ऐसा ही कोई तांत्रिक कृत्य किया हो और जाने अनजाने हमसे उसका उल्लंघन हो जाता है तब भी वैसी ही पीड़ा मिलती है।
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लक्षण ....
आपको तँत्र पीड़ा से ग्रस्त व्यक्ति के पास बैठते हैं तो भी डर सा लगने लगेगा ।यदि तँत्र आवेग है तो स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता या कोई गंभीर बीमारी लग जाती है और जाँच में डॉक्टरों को कुछ भी नहीं मिलता । चिकित्सा विज्ञान असहाय हो जाताहै ।
जिस के शरीर पर किसी बुरी आत्मा का प्रकोप है उसे इन दवाइयों का असर उस समय बिलकुल नहीं होता है ।
कुछ भी सामान्य नहीं लगता , आवाज बदल जाए तो तँत्र प्रभाव का उत्कर्ष मानें ।
कुछ भी सामान्य नहीं लगता , आवाज बदल जाए तो तँत्र प्रभाव का उत्कर्ष मानें ।
इसके इलावा यदि आपके घर में अचानक से बिल्ली, उल्लू, चमगादड़, सांप और भंवरा घूमते हुए दिखाई दे, तो भी सम्भावना बढ़ जाती है कि ये तांत्रिक क्रिया का ही असर है।
रात्रि को सोते समय एक हरा नीम्बू तकिये के नीचे रखें और प्रार्थना करें कि जो भी नकारात्मक क्रिया हो वह इस नीम्बू में समाहित हो जाए। सुबह उठने पर यदि नीम्बू मुरझाया हुआ या रंग काला मिलता है तो समझिए आप पर तांत्रिक क्रिया हुई है
यदि बार-बार घबराहट होने लगती है। पसीना सा आने लगता हैं। हाथ-पैर शून्य से हो जाते है। मेडिकल जांच में रिपोर्ट सामान्य आती हैं। बावजूद इसके ऐसा लगातार होता रहता है तो आप किसी तान्त्रिक क्रिया के शिकार हो गए हैं।
आपको अचानक भूख लगती है, लेकिन खाते वक्त मन नहीं करता ।
घर में किसी का बोल नहीं सुहाता , कोई कुछ बोले तो मन में क्रोध आता है तो भी नकारात्मक प्रभाव जानें।
घर में सुबह या शाम मन्दिर का दीपक जलाते समय विवाद हो अथवा आँखें बंद कर पड़े रहने का मन करे ।
घर के मन्दिर में अचानक आग लग लगे ।
परिवार के सदस्यों का एक के बाद एक बीमार होना।
शरीर पर अचानक नील पड़ने लगे।
आपके कपड़ों में स्वयं ही छेद होने लगें या उन पर काले दाग लगने लग जाए या जल जाएं।
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रात को सिरहाने एक लोटे में पानी भरकर रखें और इस पानी को गमले में लगे या बगीचे में लगे किसी छोटे पौधे में सुबह डालें। कोई तंत्र क्रिया है तीन दिन से एक सप्ताह में यह पौधा सूख जाएगा।
अगर आप पैसे अच्छे कमा रहे है और आपका व्यवसाय भी अच्छा चल रहा है. इस सबके बावजूद भी आपके पास पैसा नहीं रहता है आप पैसा नहीं जोड़ पा रहे है ।
उपरोक्त लक्षण यदि किसी के साथ घटित हो रहे हैं , आवश्यक नहीं कि ये सारे लक्षण ही घटित हों इनमें से एक दो लक्षण भी हो रहे हों तो समझ लीजिए मामला गड़बड़ है।
यदि किसी मित्र को इस विषय में कुछ पूछना हो , कोई जिज्ञासा हो तो मुझे फोन कर सकते हैं ।
यदि किसी मित्र को इस विषय में कुछ पूछना हो , कोई जिज्ञासा हो तो मुझे फोन कर सकते हैं ।
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क्या तँत्र मन्त्र जैसा कुछ नहीं होता
Reviewed by RAVISH DUTTA
on
May 22, 2023
Rating:
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