क्या स्विस बैंको में जमा काला धन वापस आ पायेगा ...?
नहीं ये संभव ही नहीं है मित्रो !क्यों जान लें !!
सत्ता भोगियो से लेकर सत्ता के भूखो तक हर कोई शोर मचा रहा है की काला धन वापस लाया जाएगा । जनता भी आस में है की ये धन वापस आ जाएगा तो सारे कर्ज माफ़ होंगे और देश में खुशहाली आ जायेगी । मित्रो मैंने खुद इस विषय पर बहुत शोध किया और पाया ये सम्भव ही नहीं । क्यों जाने !
भारत का काला धन कितना जमा है 1.4 ट्र्लियन यांनी 10खरब 40 अरब डालर । बाबा रामदेव भी इन्ही आंकड़ो को लेकर चलते है ।
लेकिन सीबीआई के अनुमान से 5खरब डालर की राशि बनती है । लेकिन स्विस बैंक और स्वित्ज्र्लैंड की सरकार इन अनुमानों को गलत मानती है । उनके मुताबिक़ कुल जमा राशी 2 अरब डालर ही है। 40 अरब डालर का 700 वां हिस्सा मात्र । असलियत कोई नहीं जानता जानता बँक है जो बतायेगा नही
स्विट्जर लैंड में कर चोरी अपराध नहीं बल्कि भूल चुक की श्रेणी में आता है । हां दंडनीय अपराध तब हो जाता है जब कर बचाने के लिए जान बुझकर धोखाधड़ी या जालसाजी की जाए ।
अब यदि भारत सरकार को लगता है कोई सुचना है की अमुक व्यक्ति ने अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा यहाँ कर दिए बिना स्विस् बैंक में जमा किया है तो हम अपील कर सकते है की उस खाते में जमा राशी भारत सरकार को बताई जाए ।
भारत और स्विट्जर लैंड सरकार के बीच " दोहरे कराधान ' का समझौता इसकी सम्भावना देता है ।
भारत की शिकायत सही पायी गयी तो सम्बद्ध खाते में जमा राशि के ब्याज पर कर की आशा की जा सकती है किन्तु खाते में जमा मुलराशी , भारत के हाथ फिर नहीं लगेगी ।वह मिल सकती है केवल उसके मालिक को । इसी समझौते के आधार पर भारत को 2011 में 782 ऐसे भारतीयों के नाम बताये गये जिनके HSBC bank में खाते थे । स्विस बैंक आम तौर पर किसी खातेदार के बारे में कोई जानकारी नही देते । देते तभी है तब स्विस अदालत ऐसा करने के निर्देश दे ।
यहाँ दिलचस्प बात ये रही की स्वयम भारतीय वित्त मंत्रालय ने ये कह कर ये सारे नाम प्रकाशित करने से मना कर दिया की यह व्यक्तिनिष्ठ सुचना की गोपनीयता के नियम का उल्लंघन होगा ।
आगे भी तथ्य ये है की इन खाता धारको में से कितने विदेशो में बीएस चुके । वहाँ की नागरिकता या दोहरी नागरिकता प्राप्त है ।
कहानी यहाँ काफी बड़ी है जिसका यहाँ विवरण सम्भव नहीं । सारांश ये है की खुद अमेरिका अपना पूरा जोर लगा के कुछ नही कर पाया तो भारत से तो आशा करना ही व्यर्थ है ।
नहीं ये संभव ही नहीं है मित्रो !क्यों जान लें !!
सत्ता भोगियो से लेकर सत्ता के भूखो तक हर कोई शोर मचा रहा है की काला धन वापस लाया जाएगा । जनता भी आस में है की ये धन वापस आ जाएगा तो सारे कर्ज माफ़ होंगे और देश में खुशहाली आ जायेगी । मित्रो मैंने खुद इस विषय पर बहुत शोध किया और पाया ये सम्भव ही नहीं । क्यों जाने !
भारत का काला धन कितना जमा है 1.4 ट्र्लियन यांनी 10खरब 40 अरब डालर । बाबा रामदेव भी इन्ही आंकड़ो को लेकर चलते है ।
लेकिन सीबीआई के अनुमान से 5खरब डालर की राशि बनती है । लेकिन स्विस बैंक और स्वित्ज्र्लैंड की सरकार इन अनुमानों को गलत मानती है । उनके मुताबिक़ कुल जमा राशी 2 अरब डालर ही है। 40 अरब डालर का 700 वां हिस्सा मात्र । असलियत कोई नहीं जानता जानता बँक है जो बतायेगा नही
स्विट्जर लैंड में कर चोरी अपराध नहीं बल्कि भूल चुक की श्रेणी में आता है । हां दंडनीय अपराध तब हो जाता है जब कर बचाने के लिए जान बुझकर धोखाधड़ी या जालसाजी की जाए ।
अब यदि भारत सरकार को लगता है कोई सुचना है की अमुक व्यक्ति ने अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा यहाँ कर दिए बिना स्विस् बैंक में जमा किया है तो हम अपील कर सकते है की उस खाते में जमा राशी भारत सरकार को बताई जाए ।
भारत और स्विट्जर लैंड सरकार के बीच " दोहरे कराधान ' का समझौता इसकी सम्भावना देता है ।
भारत की शिकायत सही पायी गयी तो सम्बद्ध खाते में जमा राशि के ब्याज पर कर की आशा की जा सकती है किन्तु खाते में जमा मुलराशी , भारत के हाथ फिर नहीं लगेगी ।वह मिल सकती है केवल उसके मालिक को । इसी समझौते के आधार पर भारत को 2011 में 782 ऐसे भारतीयों के नाम बताये गये जिनके HSBC bank में खाते थे । स्विस बैंक आम तौर पर किसी खातेदार के बारे में कोई जानकारी नही देते । देते तभी है तब स्विस अदालत ऐसा करने के निर्देश दे ।
यहाँ दिलचस्प बात ये रही की स्वयम भारतीय वित्त मंत्रालय ने ये कह कर ये सारे नाम प्रकाशित करने से मना कर दिया की यह व्यक्तिनिष्ठ सुचना की गोपनीयता के नियम का उल्लंघन होगा ।
आगे भी तथ्य ये है की इन खाता धारको में से कितने विदेशो में बीएस चुके । वहाँ की नागरिकता या दोहरी नागरिकता प्राप्त है ।
कहानी यहाँ काफी बड़ी है जिसका यहाँ विवरण सम्भव नहीं । सारांश ये है की खुद अमेरिका अपना पूरा जोर लगा के कुछ नही कर पाया तो भारत से तो आशा करना ही व्यर्थ है ।
स्विस बैंको में जमा काला धन वापस आ पायेगा ...?
Reviewed by RAVISH DUTTA
on
May 22, 2019
Rating:
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