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हिंदू धर्म मे जलती हुई लाश के सिर को डंडे से क्यों फोड़ा जाता है?

शरीर में 11 छेद होते हैं: 2 कान, 2 नाक, 2 आँख, 1 मुख, 1 नाभि, 2 मॉल एवं मूत्र और 1 मष्तिस्क जो फोड़ कर बना दिया जाता है)
हिन्दू धर्म में लाश के कपाली को डंडा मार के तोडा जाता है। लेकिन शायद ही इस बात सभी लोग जानकर होंगे।
हिंदू रीति-रिवाज में जन्‍म से लेकर मुत्‍यु तक 16 संस्‍कार होते हैं। जिसमें से दाह संस्‍कार को हिंदू धर्म में अंतिम संस्‍कार कहा जाता है|
धार्मिक मान्यता के अनुसार माना जाता है कि जो जिव या आत्‍मा सिर से निकलती है वह मोक्ष प्राप्त करके जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाती है।
तंत्र क्रिया के जानकार जो बुरे काम करते हैं वो व्‍यक्ति के मरने के बाद उसके सिर के फिराक में रहते हैं ताकि इससे वो उसका दुरपयोग कर सके।क्योंकि इस सिर के द्वारा तांत्रिक उस व्‍यक्ति की आत्मा को अपने कब्‍जे में कर सकता है और उस आत्‍मा से गलत काम करवा सकता है।
कपाल

हमारे शास्त्रों के अनुसार शरीर मरता है आत्‍मा कभी नहीं मरती।जिसको आज विज्ञान भी मानता है कि विचार कभी खत्म नहीं होते ।
कमप्यूटर के जानकार जानते हैं कि कमप्यूटर की साबुत हार्ड डिस्क किसी के हाथ लग जाए तो वो सारा डाटा चुरा सकता है और गलत हाथों में पड जाए तो दुरुपयोग कर सकता है। दिमाग को हम हमारी हार्ड डिस्क मान सकते हैं जिसमें हमारा सारा डाटा सेव है, हमारे डाटा को खत्म करने के लिए जिससे कोई उसका दुरूपयोग न कर सके सिर को डंडे से तोडा जाता है
हिंदू धर्म मे जलती हुई लाश के सिर को डंडे से क्यों फोड़ा जाता है? हिंदू धर्म मे जलती हुई लाश के सिर को डंडे से क्यों फोड़ा जाता है? Reviewed by RAVISH DUTTA on May 21, 2019 Rating: 5

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