About Me

banner image
banner image

सूर्य को जल देने से ये पांच लाभ होने की है मान्यता, जानिए विधि

ज्योतिष के अनुसार सूर्य देव को सभी ग्रहों में सबसे शक्तिशाली माना गया है। वहीं धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक सूर्य को देवता श्रेणी में रखा गया है। इसलिए इन्हें प्रत्यक्ष देव भी कहा जाता है।

Image result for sun

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सूर्य का विशेष महत्व है। इसे सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। सूर्य की किरणें शरीर में मौजूद बैक्टीरिया को दूर कर निरोग बनाने का कार्य करती हैं।
वैसे यदि धार्मिक दृष्टिकोण से देखें तो सूर्य देव को आत्मा का कारक माना गया है। इसलिए सुबह सूर्य देव के दर्शन से मन को बेहतर कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। साथ ही ये शरीर में स्फूर्ति भी लाता है। प्रत्येक सुबह सूर्य को जल चढ़ाने से भाग्य अच्छा होता है। सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूर्ण होते है। हर कोई आपसे खुश रहता है और आपके लिए निष्ठावान रहता है। ज्योति शास्त्र के मुताबिक सूर्य ही वह ग्रह है जो व्यक्ति को सम्मान दिलाता है। नियमित रूप से सूर्य देव को जल चढ़ाने वाले व्यक्ति का व्यक्तित्व प्रभावशाली बनता है। उसे लोगों से सहयोग मिलता है और उच्च पद का भी सम्मान मिलता है।
Image result for sun


कहते हैं कि जो लोग नियमित सूर्य देव को जल अर्पण करते हैं, सूर्य देव हमेशा उन पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। सूर्य को जल चढ़ाने से मन एकाग्रचित्त होता है। जिससे सीखने की क्षमता बढ़ती है। ऐसे व्यक्ति जटिल से जटिल समस्या का समाधान भी चुटकियों में कर देते हैं। सूर्य को जल चढ़ाने से होने वाले फायदे के वैज्ञानिक आधार भी है। वैज्ञानिकों के अनुसार सुबह के समय सूर्य को चल चढ़ाने से शरीर को विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा मिलती है। जिससे शरीर स्वस्थ्य रहता है। इंसान का शरीर पंच तत्वों से बना होता है। इनमें एक तत्व अग्नि भी है। सूर्य को अग्नि का कारक माना गया है। इसलिए सुबह सूर्य को जल चढ़ाने से उसकी किरणें पूरे शरीर र पड़ती है। जिससे हार्ट, त्वचा, आंखे, लीवर और दिमाग जैसे सभी अंग सक्रिय हो जाते हैं। सूर्य को जल चढ़ाने से मन में अच्छे विचार आते हैं।

Image result for sun

विधि: सूर्य देव को जल चढ़ाने का सबसे पहला नियम यह है कि उन्हें प्रात: 8 बजे से पहले ही अर्घ्य दे देना चाहिए। नियमित क्रियाओं से मुक्त होकर और स्नान करने के बाद ही ऐसा किया जाना चाहिए। सूर्य को जल देने के लिए शीशे, प्लास्टिक, चांदी आदि किसी भी धातु के बर्तन का प्रयोग नहीं करना चाहिए। सूर्य को जल देते समय केवल तांबे के पात्र का ही प्रयोग उचित है। सूर्य को जल चढ़ाने से अन्य ग्रह भी मजबूत होते हैं। कुछ लोग सूर्य को अर्घ्य देते समय जल में गुड़ या चावल भी मिला लेते हैं। ये अर्थहीन है, इससे प्रभाव कम होने लगता है।
सूर्य को जल देते समय आपका मुख पूरब दिशा की ओर ही होना चाहिए। अगर कभी पूरब दिशा की ओर सूर्य नजर न आएं तब ऐसी स्थिति में उसी दिशा की ओर मुख करके ही जल अर्घ्य दें। सूर्य को जल देते समय आप उसमें पुष्प और अक्षत (चावल) मिला सकते हैं। साथ ही साथ अगर आप सूर्य मंत्र का जाप भी करते रहेंगे तो आपको विशेष लाभ प्राप्त होगा। लाल वस्त्र पहनकर सूर्य को जल देना ज्यादा प्रभावी माना गया है, जल अर्पित करने के बाद धूप से पूजा भी करनी चाहिए।

सूर्य को जल देने से ये पांच लाभ होने की है मान्यता, जानिए विधि सूर्य को जल देने से ये पांच लाभ होने की है मान्यता, जानिए विधि Reviewed by RAVISH DUTTA on February 15, 2019 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.